जयपुर. देशभर में कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों और बड़े डॉक्टरों की एक मीटिंग ली। जिसमें मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोविड-19 (कोरोना) के व्यापक संक्रमण को रोकने के लिए आने वाले वक्त में राजस्थान में करीब 10 हजार वेंटिलेटर और ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किट की जरूरत पड़ेगी।
इसके लिए सीएम ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर एवं टेस्ट किट का इंतजाम करके रखने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री का यह बयान संकेत दे रहा है कि प्रदेश में आने वाले वक्त में कोरोना संकट गहरा सकता है और यहां कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है। वहीं, भीलवाड़ा में कम्यूनिटी स्प्रेंडिंग का भी खतरा मंडराता नजर आ रहा है।
भीलवाड़ा को कोरोना का एपीसेंटर बनने से रोकने के हरसम्भव उपाय करने के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग में मुख्यमंत्री गहलोत ने आईसीएमआर से रैपिड टेस्ट किट को मंजूरी मिलते ही इनकी जल्द खरीद के निर्देश भी दिए ताकि अधिक संख्या में संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग की जा सके। सीएम ने कहा कि रैपिड टेस्ट किट की मदद से भीलवाड़ा में बड़े स्तर पर स्क्रीनिंग कर वहां संभावित कम्यूनिटी स्प्रेड को सही वक्त पर रोका जा सकता है। गहलोत ने भीलवाड़ा जिले को कोरोना का एपीसेंटर बनने से रोकने के हरसम्भव उपाय करने को कहा। सीएम ने वेंटिलेटर की खरीद भी जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए।
बच्चों व बुजुर्गाें को संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुजुर्गों को संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसे में उन पर विशेष ध्यान दिया जाये। विश्वभर के आंकड़े बताते हैं कि कोविड-19 से होने वाली मौतों में सर्वाधिक संख्या 79 वर्ष से अधिक की उम्र वाले बुजुर्गों की है। ऐसे में आमजन में जागरूकता पैदा की जाये कि बच्चों एवं बुजुर्गों को दूसरों से ज्यादा घुलने मिलने नहीं दें। जिससे उनमें संक्रमण का खतरा पैदा नहीं हो।