राजस्थान में 21 दिन के लॉकडाउन के दूसरे दिन गुरूवार को ज्यादातर शहरों में सब्जियों और दूसरे घरेलू सामानों की होम डिलीवरी की व्यवस्था लागू की जा रही है। पुलिस ने रिटेल शॉप मालिकों के साथ इस व्यवस्था को सही ढंग से लागू करने के लिए मीटिंग की। इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। कई जगहों पर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। लेकिन, कई ऐसी भी जगहें रहीं, जहां भीड़भाड़ और नियम तोड़ने के नजारे दिखे। बाहर निकलने वालों के चालान काटे गए। साथ ही पुलिस ने चेतावनी दी कि नियम तोड़ने पर जेल भी भेजा जा सकता है।
पुलिस की पहल के बाद तमाम कंपनियां घर-घर जाकर खाने के सामान की डिलीवरी करेंगी। 24 घंटे यह सुविधा उप्लब्ध करवाई जाएगी, जिससे बाजारों में भीड़ न लगे। इसके साथ ठेलों के माध्यम से भी सब्जियां पहुंचाई जाएंगी। जयुपर के परकोटे इलाके में शहर के अन्य हिस्सों की तुलना में लॉकडाउन का असर कम नजर आया। जयपुर की गली, मोहल्लों और सड़कों को भी सैनेटाइज किया जा रहा है। बाजार में खड़ी बाइकों की पुलिस ने हवा निकाल दी।
अजमेर प्रशासन ने खाद्य सामग्री की कालाबाजारी रोकने के लिए सभी किराना व्यापारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी दुकान पर मूल्य सूची लगाएं। जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने रसद अधिकारी से कहा कि वे समस्त दुकानों पर सामान की मूल्य सूची प्रदर्शित करने के नियम को लागू करवाएं। ऐसा न करने पर कार्रवाई की जाएगी।
दूदू, फागी, रेनवाल मांजी में बाजार सुनसान पड़े रहे। माधोराजपुरा स्थित खेड़ा बालाजी मंदिर पुलिस प्रशासन ने करवाया बंद। चौराहों पर तैनात पुलिस ने घरों से बाहर आए युवकों से पूछताछ की और उन्हें घर भेजा। वैशाली नगर में पुलिस ने दुकानदारों को हिदायत दी कि वह भीड़ न लगने दें। पुलिस ने दुकानदारों से कहा है कि दुकान के बाहर एक बोर्ड लगाएं, जिसमें बिना मास्क के सामान नहीं देने की बात लिखी हो।
लॉकडाउन का पालन नहीं करने वालों पर महामारी रोग कानून-1897 के उल्लंघन का केस दर्ज हो रहा है। यह आईपीसी की धारा-188 के तहत दंडनीय अपराध है। इसे तोड़ने वालों को 6 महीने तक की जेल या एक हजार रुपए जुर्माना या दोनों सजाएं साथ हो सकती हैं।